क्या सर्दियां आंखों की सर्जरी के लिए सही समय है?

कई लोगो का मानना है की सर्दियों के मौसम में मोतियाबिंद, क्रॉस आईज आदि की सर्जरी के लिए सही समय है उन्हें लगता है कि इस मौसम में सर्जरी कराने से ठीक होने की संभावना ज्यादा होती है! आइये हम जानते है की ये तथ्य कितना सही है डॉ प्रणय सिंह के अनुसार पुराने समय में ठंड का मौसम ही मोतियाबिंद जैसी आंखों की समस्याओं की सर्जरी के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता था जिसके पीछे कारण यह था कि पहले की तकनीक उतनी एडवांस नहीं होती थी और अधिकतर जो भी सर्जरी होती थी उसमें टांके लगते थे, जिसकी वजह से आंखों में पसीना जाने से उसमें इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता था लेकिन आज की एडवांस टेक्नोलॉजी में सर्जरी के बाद किसी भी प्रकार के चीरे या टांके की जरूरत नहीं होती है, इसलिए सर्जरी सिर्फ जाड़े के मौसम में ही कराईजनि चाहिए ये सिर्फ एक मिथ्य है ऐसा हम कह सकते है।”

डॉ प्रणय सिंह के अनुसार यदि आपकी आँखों में कोई भी समस्या है या मोतियाबिन्द है या कोई ऐसी समस्या है जिसके लिए आपको सर्जरी की जरूरत हो तो इसके लिए आपको किसी भी specific मौसम के इंतजार में इसके इलाज को टालें नहीं बल्कि जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर द्वारा बताई गई सर्जरी करा लें क्योकि आपकी आँखों के लिए क्या बेहतर है ये एक eye specialist से बेहतर शयद ही कोई बता सकता है।

आइये अब देखते है की की आंखों की सर्जरी में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है :

  • आंखों की सर्जरी के लिए किसी अच्छे आईकेयर सेंटर का ही चुनाव करें। (एक्सपीरियंस डॉक्टर का चयन करे)
  • सर्जरी डॉक्टर द्वारा बताई गई हर सावधानी का पालन करें।
  • अपनी आंखों को धूप और धुएं से बचाएं।
  • नहाते या चेहरा धोते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें की साबुन आंखों में ना जाए।
  • आँखों को ना तो मलें ना ही गंदे हाथो से छुएं ।
  • बिना डॉक्टर की सलाह लिए किसी भी प्रकार के आई मेकअप का प्रयोग ना करें।

होली में कैसे करें अपनी आंखों की सुरक्षा

रंगों का त्योहार होली का जश्न मनाने के लिए, हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है, लेकिन होली खेलते समय आंखों को रंग–गुलाल और पानी के गुब्बारे से बचाना और आंखों की पर्याप्त देखभाल करना आवश्यक है। दुर्भाग्य से, होली खेलते समय और पानी के गुब्बारे फेंकते समय बहुतों को यह पता नहीं चलता है कि इस तरह के कार्यों के परिणाम क्या हो सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि मस्ती करते समय हम विशेष रूप से सावधानी बरतें खास कर जब आंखों की देखभाल का मामला हो तो हमें काफी सतर्क रहने की जरूरत है।

पहले रंग बनाने के लिए सब्जियों और फूलों के रंगों का उपयोग किया जाता था लेकिन आजकल, सब्जियों और फूलों के रंगों का उपयोग अब रंग बनाने के लिए नहीं किया जा रहा है। इसके बजाय, सिंथेटिक रासायनिक रंगों का उपयोग किया जा रहा है जो आंखों की रोशनी पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम होली खेलते समय अपनी आंखों की देखभाल करें, वरना कोई व्यक्ति जलन और / या एलर्जी, संक्रमण और कभीकभी अस्थायी अंधापन से पीड़ित हो सकता है। होलीकाजश्नजरूरमनाएंलेकिन जिम्मेदारी केसाथ।

होली खेलते समय आपको क्या करना है और क्या नहीं करना है‚ इसकी सूची यहां दी गई है और इन बातों को होली खेलने से पहले से ही आपको अपने दिमाग में रखना है :

क्या करें :

1. तेल सेसुरक्षाप्रदानकरें

आंखों के आसपास की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है। इसलिए बाहर जाने से पहले अपनी आंखों के आसपास नारियल या बादाम का तेल लगाएं।

2. शेड्स का इस्तेमाल करें

शेड्स से आप कूल दिखते हैं और, आपकी आँखें भी सुरक्षित रहती हैं। जब कोई आपके चेहरे पर रंग लगा रहा हो तो सुनिश्चित करें कि रंगआपकीआंखोंमेंनजाए।आंखोंकोरंगोंसेबचानेकेलिएअपनीआंखोंकोसुरक्षात्मकचश्मे, धूप के चश्मे या सादे चश्मे का उपयोग करके कवर किया जा सकता है। यह आंखों में रंग को प्रवेश करने से रोकने में मदद करेगा।

3. पलकें झपकाएं और आंखों को साफ करें

जितना संभव हो आंखों से रंग को हटाने और निकालने की कोशिश करना चाहिए। यदि यह आपकी आंखों में प्रवेश कर गया है, तो उन्हें तुरंत साफ पानीयापीनेकेपानीसेबार–बारधोएं।

अपने चेहरे को झुकाएं और फिर अपनी हथेलियों में पानी लेकर उसमें अपनी आँखें खोलने की कोशिश करें। रंग को निकालने के लिए बारबार पलकें झपकाएं और अपनी आंखों को चारों ओर घुमानेकीकोशिशकरें।अपनीआंखमेंपानीनडालेंक्योंकियहहानिकारकहोसकताहै।इसकेअलावा, अपने बालों को बाँध लें और अपनी आँखों में रंग का पानी टपकने से रोकने के लिए टोपी पहनलें‚ क्योंकिहोलीखेलतेसमयआंखोंमेंरंगवालापानीजानेसेआंखोंमेंसंक्रमणऔरएलर्जीहोसकतीहै।इससमयअपनीआँखेंखुलीरखनेकीकोशिशकरें।

4. डॉक्टर से सलाह लें

यदि आंखों की लाली ठीक नहीं होती है, या आंखोंसेपानीआरहाहै, खुजली होरहीहै, असहजता महसूसहोरहीहैयारक्तस्रावहोरहाहै, तो तुरंत नेत्र रोगचिकित्सकसेपरामर्शकरें।

5. सतर्क रहें

आंखों के पास कहीं भी रंगों को धब्बा न लगने दें। हालांकि, यह हमेशा संभव नहीं होता है, इसलिए जबआपकेचेहरेपररंगलगायाजाताहैतोअपनीआँखेंऔरहोंठकसकरबंदरखें।

6. लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स डालें

आंखों में जलन होने पर आंखों में चिकनाई के लिए लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप का उपयोग किया जा सकता है। इससे किसी भी प्रकार की जलन को शांत करने में मदद मिलेगी और इससेआंख के अंदर बचे हुए रंग भी निकल जाएंगे।

क्या नहीं करें :

1. अपनी आँखें रगड़ें नहीं

होली खेलते समय सावधान रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपनी आँखों को छूने से बचें या उन्हें बार– बार रगड़ें नहीं क्योंकि इससे जलन होगी या देखने में परेशानी होगी।

2. पानी के गुब्बारे से बचें

पानी के गुब्बारे का उपयोग करने से बचना चाहिए। ये बहुत खतरनाक होते हैं और आंख को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं जिससे रक्तस्राव हो सकता है, लेंस कोनुकसानपहुंचसकताहैयालेंसअपनीजगहसेहटसकताहै, मैकुलर एडिमा या रेटिनल डिटैचमेंट हो सकता है। इससे दृष्टि को नुकसान या यहां तक कि आंख का नुकसान हो सकता है। इन स्थितियों की तुरंत किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा जांच की जानी चाहिए।

3. आंखाें से बाहरी चीजों को न निकालें

रूमाल या टिश्यू का उपयोग करके अपनी आंखों में प्रवेश करने वाली किसी भी चीज को हटाने की कोशिश न करें; ऐसा करने से चीजें केवल बदतर ही होगी।

4 कांटैक्ट लेंस से बचें

कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से बचें या रोजाना डिस्पोजल का विकल्प चुनें क्योंकि इससे अच्छे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। कॉन्टैक्ट लेंस में पानी को अवशोषित करने वाले गुण होते हैं और और इसमें किसी भी रंगीन पानी को अवशोषित करने की प्रवृत्ति होती है जो आंखों में एलर्जी और संक्रमण के जोखिम को बढ़ाता है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने कांटैक्ट लेंस विशेषज्ञ से संपर्क करें।

जो लोग चश्मा लगाते हैं उनके चेहरे पर रंग लगाते समय सावधान रहें। बेहतर है कि उन्हें रंग लगाने से पहले आप उनसे पूछ लें, अन्यथा आप उनकेस्वयंकेचश्मेसेउसव्यक्तिकोचोटभीपहुंचासकतेहैं।

चश्मा पहनने वालों को होली के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि अगर वे चश्मा पहनते हैं, तो रंग फ्रेम के अंदरूनी खाली स्थान में जा सकता है। बिना रिम वाला चश्मा आसानी से टूट भी सकता है। इसलिए, रंग खेलते समय चश्मा पहनने से बचने की सलाह दी जाती है।

जीवंत रंग हमारे जीवन में बहुत अधिक सकारात्मकता लाते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि वे आपकी आँखों से दूर रहें। होली के इस अद्भुत त्योहार का आनंद लें, लेकिन इन युक्तियों का पालन करें ताकि आप और आपके प्रियजन सुरक्षित रहें। खुश और रंगीन रहें!

The Essentials of Eye Health Care for your Child

Eye check-ups of children are appointments that are often ignored or rescheduled until your child experiences significant difficulty in vision. Initially, checks by the pediatrician are sufficient, but if there is a family history of eye problems, then visits to the ophthalmologist are mandatory. An eye exam is essential before your child joins the school as issues might reflect into the child’s performance at school.

Warning Signs

Difficulty in reading and writing, languid pace of work, reported trouble in seeing the board, blurred vision and headaches are warning signs that must be immediately addressed. These indicate that your child has significant problems concerning vision, and the earlier you get it checked, the better. Eye problems if left unattended might cause chronic issues that might even develop into a need for lifelong treatment.

Types of Health Professionals

There are three kinds of eye specialists whom you can contact. The ophthalmologist, who is a doctor who will conduct the examination, prescribe corrective lens, treat eye diseases and perform surgeries. The second type is an optometrist who offers the same services as an ophthalmologist but is a registered practitioner. The final kind of health professional is an optician who provides services associated with eyeglasses.

The Eye Examination

During the eye examination, you will be required to answer many questions based on your observation of your child. Some of them are listed below:

Is your child able to see well?

Does your child hold his/her books close to the face while reading?

Is your child’s vision straight or do his/her eyes drift often?

Do your child’s eyes appear unusual in any way?

Have you noticed any unusual drooping of an eyelid?

Has your child ever injured his/her eye?

Laser Eye Surgery Blog

Can my sight get worse after Laser Eye Surgery?

Once you’ve recovered from Laser Eye Surgery, the changes made to your cornea by the laser are permanent and completely stable. The eye quickly adapts to your new vision.

However, it is possible that your eye sight will worsen after Laser Eye Surgery due to an unavoidable part of the body’s ageing process.It’s important to point out this is not because the effects of Laser Eye Surgery are temporary.

Unfortunately, as we all get older our eyes, along with various other parts of the body, change in unfavorable ways. One way to put it would be all the hard parts get soft and all the soft parts get hard.

A well understood explanation for the changes to our eyesight is Presbyopia—a problem that starts to affect all of us between the ages of 45-65.

This makes it important not to promise Laser Eye Surgery patients that they will never need glasses again—due to the natural effects of Presbyopia, you may need glasses in the future.

The good news is that Laser Eye Surgery can be used to compensate for these small changes by having a simple adjustment or enhancement procedure.

(more…)

Cataract Surgery in Short and Long Eyes

कई लोग मोतियाबिंद सर्जरी के लिए सर्दियों के मौसम का चुनाव करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इस मौसम में सर्जरी कराने से ठीक होने की संभावना ज्यादा होती है.

पुराने समय में यह मान्यता थी की जाड़े का मौसम ही मोतियाबिंद जैसी आंखों की समस्याओं की सर्जरी के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता था जिसके पीछे यह कारण था कि पहले तकनीक उतनी एडवांस नहीं थी और जो भी सर्जरी होती थी उसमें टांके लगते थे जिसकी वजह से पसीना आंखों में जाने से उसमें इंफेक्शन होने का खतरा होता था लेकिन आज टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो गई है कि सर्जरी के बाद किसी भी प्रकार के चीरे या टांके की जरूरत नहीं होती है, इसलिए सर्जरी हर मौसम में कराई जा सकती है इसीलिए किसी भी मौसम के इंतजार में टालें नहीं बल्कि जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर द्वारा बताई गई सर्जरी करा लें.

आंखों की सर्जरी में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है :

  • आंखों की सर्जरी के लिए किसी अच्छे आईकेयर सेंटर का ही चुनाव करें.
  • सर्जरी डॉक्टर द्वारा बताई गई हर सावधानी का पालन करें.
  • अपनी आंखों को धूप और धुएं से बचाएं.
  • नहाते या चेहरा धोते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें की साबुन आंखों में ना जाए.
  • आँखों को ना तो मलें ना ही गंदे हाथो से छुएं .
  • बिना डॉक्टर की सलाह लिए किसी भी प्रकार के आई मेकअप का प्रयोग ना करें.

ये हैं लक्षण

  • बढ़ती उम्र के साथ नजर का कम होते जाना या धुंधलापन बढ़ते जाना।
  • चश्मे का नंबर जल्दी-जल्दी बदलना।
  • दिन के समय कम दिखना व रात या अंधेरे में अधिक दिखना।
  • एक ही वस्तु कई – कई दिखाई देना।

ये हैं कारण

  • वृद्धावस्था : ये मोतियाबिंद सबसे अधिक पाया जाता है। प्राय: 50 साल की उम्र के बाद प्राकृतिक लेंस में धुंधलापन आने लगता है और व्यक्ति को धीरे-धीरे उम्र के साथ-साथ नजर कम पड़ने लगती है।
  • चोट के कारण : आंख में चोट लगने के कारण लेंस धुंधला होने लगता है और मोतियाबिंद हो जाता है।
  • मेटाबोलिक मोतिया: इस प्रकार का मोतिया कुछ शारीरिक बीमारियों के कारण हो जाता है, जैसे मधुमेह और कैल्शियम या फास्फोरस की अधिकता हो जाना।
  • पैदायशी मोतिया: यदि किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान रूबेला संक्रमण जैसी बीमारियों हो जाएं तो नवजात शिशु में मोतियाबिंद होने की आशंका रहती है।
  • डेवलपमेंटल कैटरैक्ट: बच्चे के पैदा होने से लेकर युवावस्था तक इस प्रकार का मोतियाबिंद हो सकता है।

मोतियाबिंद का एकमात्र उपचार ऑपरेशन ही है लेकिन शुरुआती स्टेज में कुछ दवाइयों के प्रयोग से मोतियाबिंद का बढ़ना कुछ कम हो जाता है। जब चश्मे इत्यादि के प्रयोग के बाद भी व्यक्ति की दैनिक दिनचर्या प्रभावित होने लगे तब ऑपरेशन के बारे में सोचना चाहिए। हर मौसम में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया जा सकता है।

8 WAYS TO ENSURE YOUR MAKEUP IS EYE-FRIENDLY

We spend a lot of time on our eye-makeup: perfectly winged eyeliner, smokey eye shadow and the perfect touch of mascara! But have you ever thought how much bacteria your brushes and pencils would have, and worse the potential damage they could cause your eyes ? Here’s a set of tips to ensure that your eyes can be gorgeously healthy- the chic and clean look!

  1. Make a thorough perusal of the ingredients – On a general note, set yourself a rule that you will purchase eye makeup only after thoroughly going through the ingredients and making sure it cannot cause any undesirable reactions. Avoid talc, sulfates, and urea.
  2. Test your make-up before purchase – This step is not just to ensure that you choose the right shades that enhance your look, but to make sure that your eye makeup does not trigger an allergic reaction. In case you have extra-sensitive eyes or a history of allergies, use cosmetics that are hypoallergenic.
  3. The expiry date is the key – We often overlook this part of the makeup as the bills often tend to be on the higher end. Particles of makeup might come in contact with your eye-pores leading to severe cases of inflammation. Some experts even suggest that eye makeup must be replaced every three months.
  4. Avoid fake eyelashes – Fake eyelashes have both short-term and long-term repercussions. Firstly, the adhesive used to stick the eyelashes can cause a lot of harm to the fragile and thin layers of your eye and can also act as an incubus for bacteria. Secondly, research has found that they cause an increase in the amount and impact of air, including dust particles which can cause cases of extreme dryness in the eye.
  5. Say no to glitter – As fancy and glam as glitter looks, it’s a definite negative as it can cause dryness and sometimes even corneal inflammation.
  6. No makeup on the move – Do not attempt to apply any makeup, especially eye makeup while driving or riding in a vehicle, as the slightest of movement caused by a bump could lead to you poking or scraping your eye.
  7. Wash your tools – Most of the objects in your eye makeup kit are fine for microbial accumulation. It is essential for you to wash your brushes, especially before use. Another critical advice- say no to sharing! Refrain from sharing products as it is a potent means of cross-infection.
  8. No-makeup Nights – Removing your eye makeup is an absolute must before you fall into bed as it increases bacterial build up and consequently inflammation. It is essential that you use the right makeup removal products that suit your skin and eyes as a lot of germs and oil could enter your eye during makeup removal. So quality cleansing products and the right technique is necessary for eye care.

6 Best Eye Care Tips for This Summer

The reality of global warming and climate change means summers are getting warmer with every passing year. There is no escape from the scorching sun this time as well. While you do everything possible to protect your skin from the harsh sun rays, Dr. Pranay Singh one of the Best Eye Surgeon in Indore believes that you should not forget your eyes too. As your eyes are one of the most vital sensory organs in your body, this well-known eye doctor in Indore has some useful eye care tips for you this summer. 

A Good Pair of Sunglasses: Invest in the best pair of sunglasses you can afford. You have to protect your eyes from harmful ultraviolet rays. Prolonged exposure to UV rays can damage your eyesight and even cause eye cancer. You must buy sunglasses that offer real protection and not just style. 

Use Eye Drops If Necessary: Not taking your eyes off a screen, be it the television or your laptop or mobile can cause pain and dryness. Spending excess time outdoors can also cause eye irritation. Use prescribed eye drops from an Best eye doctor in Indore to keep your eyes lubricated in such extreme conditions. 

Hand Hygiene is Essential: Washing your hands properly this summer can get rid of a lot of eye diseases. As one of the leading eye doctors in Indore, Dr. Pranay Singh sees a lot of conjunctivitis patients every summer. This common eye infection can be avoided by not rubbing your eyes with sweaty hands and washing them regularly to ward off germs and harmful bacteria. 

Keep your eyes hydrated: Dehydration is one reason your eyes run out of tears. It can cause dryness and irritation. What you eat and drink matter to your eyes as well this summer. Drinking enough water will keep you hydrated, and produce the normal tears needed to keep your eyes moist. Fruits, vegetables, and food rich in essential nutrients will also add to the cause. 

Good sleep is right for your eyes: Working more than 18 hours a day can tire your eyes. Eyes need sufficient rest daily to get fresh and working for the next day. So, you should not ignore the importance of good sleep for your eyes. 

Swimming goggles in the pool: One of the most refreshing things to do this summer might be to dive into the nearest pool at your disposal. But remember to protect your eyes from the excess chlorine in the water. Wear appropriate swimming goggles to cover your eyes fully as sustained exposure to chlorine water can damage them in the long term.  


गर्मी में भी करा सकते हैं मोतियाबिंद का ऑपरेशन

कई लोग मोतियाबिंद सर्जरी के लिए सर्दियों के मौसम का चुनाव करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इस मौसम में सर्जरी कराने से ठीक होने की संभावना ज्यादा होती है.

पुराने समय में यह मान्यता थी की जाड़े का मौसम ही मोतियाबिंद जैसी आंखों की समस्याओं की सर्जरी के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता था जिसके पीछे यह कारण था कि पहले तकनीक उतनी एडवांस नहीं थी और जो भी सर्जरी होती थी उसमें टांके लगते थे जिसकी वजह से पसीना आंखों में जाने से उसमें इंफेक्शन होने का खतरा होता था लेकिन आज टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो गई है कि सर्जरी के बाद किसी भी प्रकार के चीरे या टांके की जरूरत नहीं होती है, इसलिए सर्जरी हर मौसम में कराई जा सकती है इसीलिए किसी भी मौसम के इंतजार में टालें नहीं बल्कि जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर द्वारा बताई गई सर्जरी करा लें.

आंखों की सर्जरी में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है :

  • आंखों की सर्जरी के लिए किसी अच्छे आईकेयर सेंटर का ही चुनाव करें.
  • सर्जरी डॉक्टर द्वारा बताई गई हर सावधानी का पालन करें.
  • अपनी आंखों को धूप और धुएं से बचाएं.
  • नहाते या चेहरा धोते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें की साबुन आंखों में ना जाए.
  • आँखों को ना तो मलें ना ही गंदे हाथो से छुएं .
  • बिना डॉक्टर की सलाह लिए किसी भी प्रकार के आई मेकअप का प्रयोग ना करें.

ये हैं लक्षण

  • बढ़ती उम्र के साथ नजर का कम होते जाना या धुंधलापन बढ़ते जाना।
  • चश्मे का नंबर जल्दी-जल्दी बदलना।
  • दिन के समय कम दिखना व रात या अंधेरे में अधिक दिखना।
  • एक ही वस्तु कई – कई दिखाई देना।

ये हैं कारण

  • वृद्धावस्था : ये मोतियाबिंद सबसे अधिक पाया जाता है। प्राय: 50 साल की उम्र के बाद प्राकृतिक लेंस में धुंधलापन आने लगता है और व्यक्ति को धीरे-धीरे उम्र के साथ-साथ नजर कम पड़ने लगती है।
  • चोट के कारण : आंख में चोट लगने के कारण लेंस धुंधला होने लगता है और मोतियाबिंद हो जाता है।
  • मेटाबोलिक मोतिया: इस प्रकार का मोतिया कुछ शारीरिक बीमारियों के कारण हो जाता है, जैसे मधुमेह और कैल्शियम या फास्फोरस की अधिकता हो जाना।
  • पैदायशी मोतिया: यदि किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान रूबेला संक्रमण जैसी बीमारियों हो जाएं तो नवजात शिशु में मोतियाबिंद होने की आशंका रहती है।
  • डेवलपमेंटल कैटरैक्ट: बच्चे के पैदा होने से लेकर युवावस्था तक इस प्रकार का मोतियाबिंद हो सकता है।

मोतियाबिंद का एकमात्र उपचार ऑपरेशन ही है लेकिन शुरुआती स्टेज में कुछ दवाइयों के प्रयोग से मोतियाबिंद का बढ़ना कुछ कम हो जाता है। जब चश्मे इत्यादि के प्रयोग के बाद भी व्यक्ति की दैनिक दिनचर्या प्रभावित होने लगे तब ऑपरेशन के बारे में सोचना चाहिए। हर मौसम में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया जा सकता है।

Hi, How Can We Help You?